नमस्कार दोस्तों, लिवर हमारे शरीर का एक बहुत ही महत्वपूर्ण अंग है और लिवर cirrhosis, लिवर की एक ऐसी बीमारी है जिस को रिवर्स नहीं किया जा सकता है, पर अगर लिवर damage को शुरुआती स्टेज में  diagnose कर लिया जाये तो Liver cirrhosis से बचाव संभव है. आज के इस वीडियो में हम बात करेंगे liver damage की और उसके early signs की, जिससे  कि आप समय रहते हैं इसके नुकसान से बच सकें. 

नमस्कार दोस्तों, मैं डॉक्टर ऋषभ शर्मा, thydoc health पे आपका स्वागत करता हूँ. thydoc हेल्थ पे हम आपको सही और ज़रूरी मेडिकल एजुकेशन आसान शब्दों में देने के लिए प्रतिबद्ध है. और आगे भी ऐसी जानकारी से updated रहने के लिए हमारे चैनल को सब्सक्राइब करे और इस वीडियो को अपने परिवार और दोस्तों में शेयर करे. 

दोस्तों, रिसर्च में पाया गया है की liver damage का कारण मुख्यतया insulin resistance से जुड़ा है. शराब,मोटापा, diabetes या junk फ़ूड या ज़्यादा मीठा खाने की वजह से या दवाओं से या किसी वायरल इन्फेक्शन से शरीर में insulin resistance बढ़ने लगता है जहां शरीर में इन्सुलिन की मात्रा तो बढ़ जाती है पर insulin शरीर में फिर भी ठीक से अपना असर नहीं दिखा पाता है इस resistance की वजह से. insulin resistance की वजह से शरीर में inflammation बढ़ता है जिस से लिवर में सूजन आती है और fatty liver जैसी बीमारी होती है. 

तो liver disease की पहली स्टेज है  fatty लिवर जहां लिवर में फैट जमा हो जाता है. ज़्यादातर लोगों में इस बीमारी के कोई लक्षण नहीं होते हैं और इसका पता किसी और बीमारी के लिए की गई पेट कि सोनोग्राफी से चलता है जहां लिवर ज्यादा bright नज़र आता है. कुछ लोगों में थकान, भूख ना  लगना जैसे लक्षण हो सकते हैं. blood टेस्ट में लिवर के एंजाइम जैसे की sgot और sgpt बढ़े हुए आ सकते है और अल्कोहल की वजह से होने वाले फैटी लिवर में sgot क़ी मात्रा  sgpt से ज़्यादा भी हो सकती है. अगर इस स्टेज पर treat या intervene ना  किया जाये तो लिवर cirrhosis भी हो सकता है जो की irreversible होता है मतलब उसे ठीक नहीं किया जा सकता. liver damage में सेकंड स्टेज आती है जहां hepatitis होता है. इस स्टेज में लिवर में सूजन आ जाती है. अगर शुरुआत में इसका इलाज ना किया जाये तो मरीज़ को भूख ना लगना, जी घबराना, पेट में दायी तरफ़ दर्द, पीलिया, खून की जाँच में bilirubin बढ़ जाता है, और लिवर फेलियर  या लिवर cirrhosis तक बीमारी बढ़ सकती है. 

अगली स्टेज है लिवर fibrosis, जहां पर लिवर में जमा फैट और सूजन  की वजह से लिवर में scar बनने लगते है| अगर यहां भी बीमारी का इलाज ना लिया जाए तो पेशेंट लिवर सिरोसिस की तरफ चला जाता है जोकि रिवर्स नहीं हो सकती हैI

अब बात करते है cirrhosis की, जो किं liver damage  की आख़िरी स्टेज है.Cirrhosis लिवर के नार्मल सेल्स की जगह ये scars ले लेते हैं जिससे लिवर hard हो जाता है,और sikud जाता है. लिवर ठीक से फंक्शन नहीं कर पाता है और लिवर फेलियर में चला जाता है. 

 cirrhosis दो तरह का होता है पहला है compensated cirrhosis जिस में  हमारे शरीर के दूसरे अंग, लिवर में हुई इस बीमारी को,  और लिवर के functions को compensate करने की कोशिश  करते हैं. 

दूसरा जो और ज्यादा गंभीर है वह है decompensated cirrhosis, जिस में शरीर की इस बीमारी को compensate करने की क्षमता ख़त्म होने लगती है और मरीज़ को कुछ गंभीर लक्षण आने शुरू हो जाते हैं. 

दोस्तों cirrhosis लिवर डैमेज की आखिरी स्टेज है और इसके बाद पेशेंट लीवर फेलियर में चला जाता है.

इसकी शुरुआत में लिवर में scaring शुरू होने लगती है. इस स्टेज में cirrhosis compensated होता है और शुरुआत में मरीज़ को थकान और कमजोरी के अलावा कोई लक्षण  महसूस नहीं होते हैं. Cirrhosis  की शुरुआत में मरीज को कुछ भी काम करने का मन नहीं करता,  शरीर में ऐसा लगता है कि कोई जान नहीं है हमेशा लेटे रहने का मन करता है,  पूरे टाइम मरीज को शरीर में थकान महसूस होती है,  उनका किसी भी काम मन नहीं लगता है, हमेशा एनर्जी लो रहती है,|

इसके अलावा जैसे जैसे liver cirrhosis की बीमारी मरीज के शरीर में बढ़ती है तो मरीज को कुछ लक्षण आने स्टार्ट हो जाते हैं जैसे कि शरीर पर spider nevi बनना जिस में त्वचा पर रक्त की छोटी धमनियाँ spider की तरह के लाल निशान बनाती है. इसके अलावा आँखों के नीचे फैट जमा हो के xanthoma बनता है. पीलिया हो जाता है.  मरीज की त्वचा  पतली होने लगती है क्योंकि शरीर collagen नहीं बना पाता है. पेट में पानी भर जाता है और पेट फूल जाता है जिसे ascites कहते हैं. लिवर द्वारा albumin नाम का प्रोटीन नहीं बना पानी के कारण यह होता है. एल्बुमिन की कमी से blood vessel से पानी का रिसाव होने लगता है और  शरीर में पानी जगह जगह  इकट्ठा होने लगता है.

लिवर शरीर में sex हॉर्मोन का संतुलन भी बनाने का काम करता है इसलिए इसकी बीमारी में  पुरुषों के स्तन बड़े होने लगते है जिस gynecomastia कहा जाता है. आपकी अंगुलियों में clubbing होने लगती है. पैरों में सूजन आने लगती है.आपके पैरों में अगर आप अंगुली से दबा के देखेंगे तो आप एक गड्ढा पायेंगे यह दर्शाता है की पैरों में सूजन है . हथेलियाँ लाल हो जाती है. मरीज़ confused हो जाता है. मरीज़ को बिना चोट के bruising या नील पड़ने लगती है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि लिवर की बीमारी में खून पतला होने लगता है. लिवर खून का थक्का जमाने वाले। clotting factors बना नहीं पाता है. इस वजह से खून का थका आसानी से बन नहीं पाता है और मरीज़ को जगह जगह bruising होने लगती है. लिवर के bile pigment त्वचा में जमा हो जाते है और इर्रिटेशन करते है जिस से स्किन पे खुजली होती है. मरीज़ की cognitive abilities, यानी कि सोचने समझने की शक्ति पे भी असर होता है मरीज़ कुछ सही से सोच समझ नहीं पता है. शरीर में अमोनिया को निकालने का काम लिवर का होता है. जब लिवर इसे नहीं निकाल पाता है ये अमोनिया दिमाग़ पे असर करती है जिस वजह से मरीज़ बेहोश भी हो सकता है.

अगर liver cirrhosis से पीड़ित मरीज बीमारी का इलाज सही से नहीं लेते हैं, शराब नहीं छोड़ता है,  या फिर मोटापा कम नहीं करते हैं या उनका डायबिटीज कंट्रोल में नहीं है तो उसके बाद  cirrhosis decompensated हो जाता है और decompensated cirrhosis मैं मरीज़ के पेट और भोजन नली की नसें फूलने लगती है और gastric varices और oesophageal varices मरीज में बनना चालू हो जाता है. यह जो varices  खून की फूली हुई नसे हैं और जिनकी वजह से मरीज़ को खून की उल्टी हो सकती है. stool में खून आ सकता है और mal काला भी आ सकता है.  ऐसे केसेज में खून की कमी भी देखी जाती है. decompensated cirrhosis मैं मरीज़ को पेट फूलना, पैरों में सूजन आना जैसे लक्षण दिखायी देते है. कई बार लिवर की बीमारी की वजह से मरीज के दिमाग पर भी असर आना चालू हो जाता है और मरीज बहकी बहकी बातें करता है,  इरिटेबल रहता है,  या बेहोशी में भी जा सकता है,  और अगर  लिवर की बीमारी का मरीज पर असर गंभीर हो तो मरीज coma मैं भी चला जाता है| इसके अलावा लिवर सिरोसिस की वजह से मरीज के kidneys पर भी असर आना चालू हो जाता है और मरीज में पेशाब बनना कम हो जाता है,  शरीर में क्रिएटनीन और यूरिया का लेवल बढ़ जाता है,  इसके अलावा cirrhosis  की वजह से फेफड़ों पर भी असर आ सकता है और मरीज को सांस लेने में तकलीफ होने सेट हो जाती है|

 इस स्टेज में patient liver failure मैं भी  जा सकता है.  

दोस्तों अब बात करते है cirrhosis की लास्ट और सबसे ख़तरनाक स्टेज की जो की जानलेवा हो सकती है. इसे end stage liver disease भी कहते हैं. इस stage में liver की वजह से शरीर के दूसरे अंगों पर भी असर होने लगता है और वह भी properly function नहीं कर पाते हैं. इस स्टेज का इलाज सिर्फ़ लिवर transplant से ही संभव है.

दोस्तों इस वीडियो में आपने समझा कि अगर समय रहते फैटी लीवर का इलाज करा जाए तू लिवर की बीमारी को बहुत ही शुरुआती स्टेज में ही रोका जा सकता है और अगर आप फैटी लीवर  के इलाज और उसके बचाव के बारे में डिटेल में जानना चाहते हैं तो राइट में दिए गए वीडियो में क्लिक करें|

और अगर आज का ये वीडियो आपको पसंद आया तो like ज़रूर करे और ज़्यादा से ज़्यादा शेयर करे. आगे भी ऐसी जानकारी से अपडेटेड रहने के लिये हमारे चैनल thydoc हेल्थ को ज़रूर सब्सक्राइब करे. बाकी भारत के सर्वश्रेष्ठ डॉक्टर से कंसल्ट करने के लिए आप ऊपर दिए गए नंबर पर क्लिक करें|धन्यवाद